आयर्वेद में बुखार और दर्द का क्या इलाज है?

आयर्वेद में बुखार और दर्द का क्या इलाज है?

आयर्वेद में चिकनगुनिया फीवर का जिक्र नहीं है, लेकिन इसी से मिलते-जुलते संधि ज्वर का जिक्र है, जिसके लक्षण बुखार, जोड़ों में दर्द और सूजन आदि हैं।
- गिलोय (गुडुची या अमृता) का सेवन करें। बेल से रस निकालकर दिन में 2 बार (5-10 ML) करीब एक-एक टी-स्पून लें। इसके कैप्सूल भी आते हैं। 500 Mg का एक-एक दिन में दो बार कैप्सूल ले सकते हैं।
- तुलसी के 7-8 पत्तों को गर्म पानी, चाय या दूध में उबालकर दिन में दो-तीन बार लें। तुलसी कैप्सूल लेना है तो 500 Mg का दिन में दो बार लें।
- सौंठ शहद में मिलाकर ले सकते हैं, 5-5 ग्राम सुबह और शाम।
- हल्दी वाला दूध सुबह-शाम लें। हल्दी को दूध के साथ उबालें, फिर पिएं।
- अश्वगंधा, आंवला या मुलहठी को किसी भी रूप में खाएं। तीनों में से एक कोई लें।
- दशमूल क्वाथ, रासनादि क्लाथ, पंचतिक्त क्वाथ में से कोई एक 12-15 ML सुबह-शाम, खाली पेट लें।
- सुदर्शन घनवटि, योगराज गुग्गुल या आयोग्यवर्धिनी वटी में से कोई 500 Mg से 1 ग्राम तक रोजाना दिन में दो बार लें।
- गुनगुना पानी लें तो बेहतर है।

नोटः ये सारी चीजें दर्द से तो राहत दिलाती ही हैं, बुखार भी ठीक करती हैं। जब तक तबियत ठीक न हों, नियमित रूप से लेते रहें।

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