केवल कुत्ते के काटने से ही नहीं होता रेबीज़

रेबीज से ग्रस्त जानवर का काटना बहुत घातक हो सकता है इसलिए यदि आपको कुत्ते, बिल्ली या किसी अन्य जानवर ने काटा हो तो तुरंत मैडीकल  सहायता जरूरी हो जाती है। इसके साथ ही आप पालतू जानवर के थूक के संपर्क में आने पर भी रेबीज के शिकार हो सकते हैं। किसी सोए व्यक्ति के कमरे में या जागते बच्चे के पास उड़ रही चमगादड़ पर यदि ध्यान न दिया जाए तो वह बिना काटे ही संक्रमण फैला सकती है।

रेबीज से ग्रस्त जानवर जैसे कुत्ते, बिल्लियां, घोड़े या चमगादड़ के काटने से आपको रेबीज नामक घातक रोग हो सकता है। यदि आपके म्यूकस मैम्ब्रेन्स के संपर्क में किसी जानवर का थूक आता है तो भी रेबीज का वायरस आप पर मार कर सकता है। यदि आप रेबीज प्रतिरोधक टीके लगवाते हैं तो आप रोग के बढऩे से बच सकते हैं।

इस रोग के लक्षण सामने आने में लगभग एक महीने का समय लगता है। जानवर का दस दिन तक निरीक्षण किया जाना चाहिए और यदि वह अजीब तरह से व्यवहार करना शुरू कर दे तो उसका रेबीज़ का टैस्ट करवाया जाना चाहिए। यदि जानवर में रेबीज पाया जाए तो व्यक्ति को रेबीज के टीके लगवाने चाहिएं।

रेबीज के टीकाकरण में टीकों की एक शृंखला शामिल होती है। यह टीकाकरण अत्यधिक जरूरी है क्योंकि रेबीज शत-प्रतिशत घातक रोग है।  यदि जानवर पकड़ा नहीं जाता और उसका निरीक्षण नहीं किया जाता तो डाक्टर को इस बात को निर्धारण करने हेतु खुद फैसला लेना होगा कि टीकाकरण शुरू किया जाए या नहीं।

 

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