दिल रहेगा स्वस्थ

29 सितंबर को व‌र्ल्ड हार्ट डे था । इस साल व‌र्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने इस डे की थीम रखी है-’क्रिएटिंग हार्ट हेल्दी इनवायरमेंट ..’ यानी दिल की सेहत के लिए स्वास्थ्यकर माहौल का निर्माण करना। इस थीम के कुछ प्रमुख निहितार्थ हैं, जिन पर अमल कर आप दिल को दुरुस्त रखकर सेहतमंद जिंदगी जी सकते हैं..

दिल की सेहत को बरकरार रखने की शुरुआत आपके घर से होती है। घर में कुछ स्वास्थ्यकर वस्तुओं को रखकर और टेलीविजन, स्मार्ट फोन और वीडियो गेम्स आदि के इस्तेमाल को सीमित कर आपके और परिवार के अन्य सदस्यों को हृदय रोगों और स्ट्रोक से बचाया जा सकता है। इस संदर्भ में कुछ सुझावों पर अमल करना आपके लिए लाभप्रद रहेगा..

घर में रखें स्वास्थ्यकर आहार

-घर में मौसमी फल और ताजी हरी सब्जियां रखें और खान-पान में इन्हें वरीयता दें। मिठाई के स्थान पर मीठे फल खाएं।

-जहां तक संभव हो, फास्ट फूड्स से परहेज करें। पिज्जा, समोसा और चिप्स और कोल्ड ड्रिक्स में वसा, शुगर और साल्ट पाए जाते हैं, जो कालांतर में सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं।

-खाद्य पदार्र्थो में तेल की मात्रा को सीमित करें। प्रति व्यक्ति, प्रति माह लगभग आधा लीटर तेल का प्रयोग करें। विभिन्न प्रकार के तेलों का इस्तेमाल करें। जैसे सूर्यमुखी, जैतून(ओलिव), ग्राउंड नट्स और सरसों का तेल।

-खाने की टेबल पर कई प्रकार के व्यंजन न रखें। ऐसा करने भूख से अधिक खाना खाने की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान करें बंद

वयस्कों को धूम्रपान की लत छोड़ देनी चाहिए और उन्हें घर में धूम्रपान नहीं करना चाहिए। इससे आपकी और बच्चों की सेहत पर अच्छा असर पड़ेगा। साथ ही, आप बच्चों के समक्ष भी अच्छा उदाहरण पेश करेंगे। आम तौर पर बच्चे धूम्रपान और शराब सेवन के मामले में अपने अभिभावकों की नकल करते हैं।

सक्रिय रहें

-घर में टेलीविजन और वीडियो गेम्स ज्यादा न देखें। आउटडोर गेम्स में सक्रिय रूप से भाग लें।

-प्रति सप्ताह कम से कम पांच से छह बार 45 से 60 मिनट तक टहलें। तैराकी व साइक्लिंग करें या फिर जिम जाएं।

समुदाय-समाज की जिम्मेदारी

-जिस जगह आप रह रहे हैं, वहां के स्थानीय लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने आस- पास के परिवेश में कोई स्थान निश्चित करें। एक ऐसी जगह जहां पर लोग आपस में बात कर सकें। हंसी-मजाक कर सकें।

-स्कूल-कॉलेजों में शारीरिक शिक्षा और खेलों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

-व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियों के लिए खेल के मैदान, पार्क और टहलने के लिए फुटपाथ होने चाहिए।

-समाज के लोग इस बात को सुनिश्चित करें कि स्कूलों, दफ्तरों, कार्य-स्थलों और अस्पतालों में फास्टफूड्स के बजाय कम खर्चीले पोषक तत्वों से युक्त आहार उपलब्ध कराया जाए।

अन्य सुझाव

दिल की सेहत के लिए स्वास्थ्यकर माहौल बनाने के लिए आपको अपने स्तर पर या सामूहिक रूप से कुछ पहल करनी होगी। जैसे..

-लोगों को प्रेम से सिगरेट छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। कार्यस्थलों में धूम्रपान पर प्रतिबंध के संदर्भ में आवाज बुलंद करें।

-खेल मैदानों या स्कूलों के पास स्थित तंबाकू उत्पादों की दुकानों के खिलाफ संबंधित प्रशासनिक अधिकारी से शिकायत करें।

-लंच के वक्त लिफ्त के बजाय सीढि़यों का इस्तेमाल करें।

सरकार का दायित्व

दुनिया के विभिन्न देशों की सरकारें भी कुछ नियम-कायदे बनाकर दिल की सेहत के लिए स्वास्थ्यकर माहौल तैयार करने में मदद कर सकती हैं। जैसे..

-टेलीविजन और रेडियो पर फास्टफूड्स के विज्ञापनों पर पाबंदियां लगायी जा सकती हैं और इनके स्थान पर स्वास्थ्यकर खान-पान को बढ़ावा दिया जा सकता है।

-दुर्भाग्यवश अस्वास्थकर खाद्य पदार्र्थो और शीतल पेयों के विज्ञापनों पर बहुत ज्यादा धन खर्च किया जाता है, जबकि बढ़ती उम्र के बच्चों और नवयुवकों पर इन विज्ञापनों का असर काफी तेजी से होता है। इसलिए सरकारों को इस संदर्भ में सोचना चाहिए।

-तंबाकू, शराब और अन्य अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्र्थो पर टैक्स बढ़ाकर लगाने के लिए कानून बनाए जाने चाहिए।

-ऐसी सुविधाएं प्रदान की जाएं ताकि समय रहते हृदय रोगों का पता चल सके। जिन रोगों में हृदय रोगों के होने का खतरा (जैसे मधुमेह रोगी) ज्यादा है, उन्हें, समुचित लागत पर कारगर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।

-हृदय रोग होने की स्थिति में अपने डॉक्टर से इलाज के विभिन्न विकल्पों के बारे में विस्तृत रूप से परामर्श लें।

उपर्युक्त कदमों को उठाकर और इस संदर्भ में सुझावों पर अमल कर इस साल व‌र्ल्ड हार्ट डे के लक्ष्यों को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। हालांकि इन लक्ष्यों को सौ फीसदी पूरा करने में लंबा वक्त लग सकता है। फिर भी आप एक अच्छी शुरुआत कर सकते हैं। मौजूदा संदर्भ में एक विशेष महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि दुनिया भर में दक्षिण एशियाई देशों में हृदय-धमनी रोग (कोरोनरी आर्टरी डिजीज)से संबंधित सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगी भारत में मौजूद हैं। हृदय रोग के साथ मधुमेह का होना किसी पीड़ित व्यक्ति के स्वास्थ्य के अलावा समाज व समुदाय की उत्पादकता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसलिए हृदय को दुरुस्त रखने के लिए हमें अपने परिवेश के माहौल को भी स्वास्थ्यकर बनाना होगा।

(डॉ.नरेश त्रेहन सीनियर हार्ट सर्जन मेदांता दि मेडिसिटी, गुड़गांव)

 

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