नींबू का इस्तेमाल, बीमारियों से रहें दूर

इस जोरदार गर्मी से हर इंसान परेशान हैं, तेज धूप और गर्म हवाओं के थपेड़े हर किसी को परेशान कर रहे हैं। गर्मी मे जारा सी भी ठंडक बहुत आराम देती है। ये गर्मी कई तरह की बीमारियां भी हमें देती है। इससे बचने के लिए हमारे पास कई तरह के उपाए हैंं जिनकी इस्तेमाल करके हम खुद के इस भीषण गर्मी से बचा सकेत हैं। शबर्त, शिकंजी, नींबू पानी पीकर हम गर्मी से राहत ले सकते हैं। इससे बचने के लिए हमारे घर के फ्रिज में ही हकीम मौजूद हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं .. नींबू की…

आमतौर पर हमारे देश में तीन प्रकार के नींबू पाए जाते हैं। देशी, कागजी और पहाड़ी। इन तीनों का अलग-अलग बीमारियों में अलग-अलग उपयोग किया जाता है। गर्मी के दिनों के लिए यह नींबू बड़े काम की चीज है। यह एक गुणकारी औषधीय पदार्थ है तथा हर तरह के अपच, पेट की गड़बड़ी, लीवर और तिल्ली की बीमारी में उपयोगी सिद्ध होता है।

* कागजी नींबू

यह शरीर को शीतलता एवं ताजगी प्रदान करता है। यह शरीर की गर्मी को भी शांत करता है। इसके रस को चाय में डालकर पिएँ या एक नींबू को 5 बराबर-बराबर भागों में काटकर तीन गिलास पानी में डालकर एक गिलास पानी रह जाने तक धीमी आंच में उबालें। ठंडा होने के बाद छानकर, बुखार की हरारत होते ही पी लें। बुखार नहीं आएगा।

यदि शौच ठीक तरह से नहीं हो रहा हो या पेचिश हो, तो प्याज के रस में कागजी नींबू का रस मिलाएं। इसमें थोड़ा-सा पानी डालकर पिएं, लाभ होगा। एक छोटा-सा अदरक का टुकड़ाल लें। आधे तोले से आधा सेंधा नमक लें तथा एक माशा नींबू का रस। इसे मिलाकर खाएं। अपच व कब्ज गायब हो जाएंगे।

स्कर्वी रोग में नींबू श्रेष्ठ दवा का काम करता है। एक भाग नींबू का रस और आठ भाग पानी मिलाकर रोजाना दिन में एक बार लें।

* पहाड़ी नींबू

यह नींबू भूख बढ़ाने वाला होता है। बेस्वाद मुंह होना, अधिक प्यास लगना, उल्टियां होना, कमजोर पाचन शक्ति, खांसी, श्वास लेने में परेशानी तथा पेट के कीड़ों के लिए यह बेहद लाभदायक है। एसिडिटी एवं अम्ल पित्त की स्थिति में शाम के समय में इसका ताजा रस पिएं। अपच के लिए यह हितकारी है।

देशी नींबू के रस में थोड़ी शकर मिलाएं। इसे गर्म कर सिरपनुमा बना लें। इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पिएं। पित्त के लिए यह अचूक औषधि है।

दो तोला नींबू का गूदा लें। इसमें छ: माशा (करीब आधा तोला) काला नमक मिलाएं। इसे खाने से लीवर संबंधी तकलीफ दूर होगी। यह पीलिया रोग के लिए भी फायदेमंद है।

एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर प्रात: भूखे पेट हमेशा पीते रहने से नेत्र ज्योति ठीक रहती है। इससे पेट साफ रहता है व शरीर स्वस्थ रहता है। निरोग रहने का यह प्राथमिक उपचार है।

सुबह-शाम एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर पीने से मोटापा दूर होता है।

बवासीर (पाइल्स) में रक्त आता हो तो नींबू की फाँक में सेंधा नमक भरकर चूसने से रक्तस्त्राव बंद हो जाता है।

आधे नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर चाटने से तेज खांसी, श्वास व जुकाम में लाभ होता है।

नींबू ज्ञान तंतुओं की उत्तेजना को शांत करता है। इससे ह्वदय की अधिक धड़कन सामान्य हो जाती है। उच्च रक्तचाप के रोगियों की रक्तवाहिनियों को यह शक्ति देता है।

एक नींबू के रस में तीन चम्मच शकर, दो चम्मच पानी मिलाकर, घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद अच्छे से सिर धोने से रूसी दूर हो जाती है व बाल गिरना बंद हो जाते हैं।

एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर सेंधा नमक मिलाकर सुबह-शाम दो बार नित्य एक महीना पीने से पथरी पिघलकर निकल जाती है।

नींबू को तवे पर रखकर सेंक लें (दो भाग करके)। उस पर सेंधा नमक डालकर चूसें। इससे पित्त की दिक्कत खत्म होती है।

* देशी नींबू

इसी प्रकार नकसीर, दांतों की मजबूती, खुजली, मलेरिया, पीलिया, अस्थमा, सिरदर्द, अनिद्रा, त्वचा रोग आदि में भी नींबू अत्यंत उपयोगी है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य के साथ ही यह सौंदर्यवर्धक भी है।

 

यदि आपकी त्वचा शुष्क व सांवली है तो प्रतिदिन रात में सोने से पूर्व शुद्ध आंवले के तेल में नींबू का रस मिलाकर चेहरे व गर्दन पर लगाएं एवं हल्के हाथों से मालिश करें। कुछ ही दिनों में त्वचा का रंग निखर आएगा।

इसी प्रकार हथेलियों व कोहनियों की सौंदर्य वृद्धि के लिए भी नींबू को निचोड़कर बचे हुए छिलके में शकर के खड़े दाने डालकर उक्त स्थानों पर तब तक हल्के-हल्के घिसें जब तक पूरी शकर न पिघल जाए। इससे त्वचा चमकदार व मुलायम बनती है। तो देखा आपने कितने फायदे छुपे हैं इस खट्टे नींबू में।

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