घर में ही हो जाता है पथरी का इलाज

घर में ही हो जाता है पथरी का इलाज

किडनी में स्‍टोन यूरीन सिस्टम का एक रोग है जिसमें किडनी के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर जैसी कठोर वस्तुएं बन जाती हैं. आमतौर पर यह ये पथरियां यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाती है. बहुत से ऐसे घरेलू उपाय है जिनको अपनाकर इनसे निजात पाई जा सकती है. आइए जाने ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में.

पानी : ज्यादा पानी पीएं. एक दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीएं. शरीर में पानी की कमी होने से गुर्दे में पानी कम छनता है. पानी कम छनने से शरीर में मौजूद कैल्शियम, यूरिक एसिड और दूसरे पथरी बनाने वाले तत्व गुर्दे में फंस जाते हैं जो बाद में धीरे-धीरे पथरी बन जाते हैं. जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है.

करेला: करेला वैसे तो बहुत कड़वा होता है और आमतौर पर लोग इसे कम पसंद करते है. परन्‍तु पथरी में यह रामबाण की तरह काम करता है. करेले में मैग्‍नीशियम और फॉस्‍फोरस नामक तत्‍व होते हैं, जो पथरी को बनने से रोकते हैं.

अंगूर: अंगूर में एल्ब्यूमिन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में होता हैं, इसलिए किडनी में स्‍टोन के उपचार के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है. साथ ही अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उत्कृष्ट रूप में कार्य करता है क्योंकि इनमें पोटेशियम नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते हैं.

केला: पथरी की समस्‍या से निपटने के लिए केला खाना चाहिए क्‍योंकि इसमें विटामिन बी 6 होता है. विटामिन बी 6 ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता और तोड़ता है. साथ ही विटामिन बी-6, विटामिन बी के अन्य विटामिन के साथ सेवन करना किडनी में स्‍टोन के इलाज में काफी मददगार होता है. एक शोध के मुताबिक विटामिन-बी की 100 से 150 मिलीग्राम दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में बहुत फायदेमंद हो सकता है.

नींबू का रस और जैतून का तेल: नींबू का रस और जैतून के तेल का मिश्रण, गुर्दे की पथरी के लिए सबसे प्रभावी प्राकृतिक उपचार में से एक है. पत्‍थरी का पहला लक्षण होता है दर्द का होना. दर्द होने पर 60 मिली लीटर नींबू के रस में उतनी ही मात्रा में आर्गेनिक जैतून का तेल मिला कर सेवन करने से आराम मिलता है. नींबू का रस और जैतून का तेल पूरे स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है और आसानी से उपलब्ध भी हो जाता हैं.

बथुए का साग: किडनी में स्‍टोन को निकालने में बथुए का साग बहुत ही कारगर होता है. इसके लिए आप आधा किलो बथुए के साग को उबाल कर छान लें. अब इस पानी में जरा सी काली मिर्च, जीरा और हल्‍का सा सेंधा नमक मिलाकर, दिन में चार बार पीने से बहुत ही फायदा होता है.

प्‍याज: प्‍याज में पथरी नाशक तत्‍व होते है इसका प्रयोग कर आप किडनी में स्‍टोन से निजात पा सकते है. लगभग 70 ग्राम प्‍याज को पीसकर और उसका रस निकाल कर पियें. सुबह खाली पेट प्‍याज के रस का नियमित सेवन करने से पथरी छोटे-छोटे टुकडे होकर निकल जाती है.

अजवाइन: अजवाइन एक महान यूरीन ऐक्ट्यूऐटर है और किडनी के लिए टॉनिक के रूप में काम करता है. किडनी में स्‍टोन के गठन को रोकने के लिए अजवाइन का इस्‍तेमाल मसाले के रूप में या चाय में नियमित रूप से किया जा सकता है.

गाजर: गाजर में पायरोफॉस्फेट अम्ल पाया जाता हैं जो किडनी में स्‍टोन बनने की प्रक्रिया को रोकता है. साथ ही गाजर में पाया जाने वाला केरोटिन यूरीन की आंतरिक दीवारों को टूटने-फूटने से भी बचाता है.

तुलसी: तुलसी की चाय समग्र किडनी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही सफल प्राकृतिक उपचार है. यह किडनी में स्‍टोन के उपचार के लिए एक आदर्श समाधान है. शुद्ध तुलसी का रस लेने से पथरी को यूरीन के रास्‍ते निकलने में मदद मिलती है. कम से कम एक म‍हीना तुलसी के पतों के रस के साथ शहद लेने से आप प्रभाव महसूस कर सकते है. साथ ही आप तुलसी के कुछ ताजे पत्तों को रोजाना चबा भी सकते हैं.

अनार का रस: अनार का रस किडनी में स्‍टोन के खिलाफ एक बहुत ही अद्भुत और सरल घरेलू उपाय है. अनार के कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के अलावा इसके बीज और रस में खट्टेपन और कसैले गुण के कारण इसे किडनी में स्‍टोन के लिए एक और प्राकृतिक उपाय के रूप में माना जाता है.

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