कब्ज को करें खास अंदाज में गुडबाय

कब्ज को करें खास अंदाज में गुडबाय

कब्ज शरीर की सबसे आम बीमारियों में गिनी जाती है। खान-पान में गड़बड़ी व खराब जीवनशैली के कारण अधिकांश लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं।

 

शरीर में वात के बढऩे से कब्ज होती है। खान-पान की गलत आदतें, भूख से ज्यादा खाना, मीट और मुश्किल से पचने वाली भारी अन्न को खाना और फल-सब्जियां-सलाद कम खाने से कब्ज होती है। नींद पूरी न होना, तनाव-भय-चिंता या शोक आदि भी कब्ज का कारण हो सकते हैं। आंत में गांठ और रुकावट की वजह से भी कब्ज हो सकता है।

 

कब्ज भगाने के नुस्खे

मिठाई में इस्तेमाल होने वाला चांदी का वर्क असली है या नकली

मिठाई में इस्तेमाल होने वाला चांदी का वर्क असली है या नकली

खाद्य पदार्थों में मिलावट आम बात है। खासकर त्यौहारों के दौरान मिठाइयों में मिलावट होने के मामले अधिडी देखे जाते हैं।

आपको बता दें मिलावट वाली चीजें खाने से आपके स्वास्थ्य के लिए कई खतरे पैदा हो सकते हैं। इससे आपको पेट ख़राब होना, उल्टी और मतली का अनुभव हो सकता है।

इन दिनों मिठाइयों के साथ-साथ सबसे ज्यादा मिलावट मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाली सिल्वर लीफ यानी चांदी के वर्क में खूब मिलावट हो रही हैं।

इतना ही नहीं, चांदी के असली वर्क के नाम पर बाजार में एल्युमिनियम के वर्क भी बिक रहे हैं। इससे कैंसर, फेफड़े और दिमाग की बीमारियां हो सकती हैं।

क्या है स्लीप डिस्ऑर्डर

स्लीप डिस्ऑर्डर

नींद ना आने की कई वजहें हैं।' 

खर्राटे लेना: खर्राटे लेने को अगर आप गहरी नींद की निशानी समझते हैं, तो यह बिल्कुल गलत है। दरअसल, यह नींद के दौरान ठीक से सांस न ले पाने की वजह से होता है। खर्राटे लेने वाले व्यक्ति की नींद अक्सर पूरी नहीं होती। वह दिनभर नींद से भरा व चिड़चिड़ा रहता है। उसकी याद्दाशत कम होती जाती है और उसे पर्सनैलिटी डिस्ऑर्डर का भी खतरा रहा है। 

नींद न आना: रुटीन सही न रहना, चाय व कॉफी अधिक पीना, ज्यादा ऐल्कॉहॉल लेना, इंटरनेट, लेट नाइट पार्टी, सोने का समय फिक्स न रखना वगैरह से भी स्लीप डिस्ऑर्डर होता है। 

कम सोने वाले हो जाएं सावधान, आपको हो सकती है यह दिमागी बीमारी

कम सोने वाले हो जाएं सावधान, आपको हो सकती है यह दिमागी बीमारी

नींद सही तरीके से नहीं होना इस बात का संकेत हो सकता है कि अन्य तरीके से स्वस्थ्य रहने वाले व्यक्ति को अल्जाइमर की बीमारी होने का खतरा हो सकता है।

यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आयी है। अनुसंधानकर्ताओं को नींद की समस्याओं और रीढ़ की हड्डी के तरल द्रव में पाये जाने वाले अल्जाइमर रोग के जैविक संकेतक मार्कर के बीच एक कड़ी नजर आई।

अमेरिका में विस्कॉन्सिन-मैडिसन की बारबारा बी बेंडलिन ने बताया कि पूर्व में मिले साक्ष्य दर्शाते हैं कि नींद कई तरह से अल्जाइमर रोग के पनपने या विकसित होने का कारण बन सकती है।

स्किन के हिसाब से करे साबुन का चुनाव

स्किन के हिसाब से करे साबुन का चुनाव

अक्सर देखा जाता है कि लोग कोई भी सोप इस्तेमाल कर लेते हैं क्योंकि अधिकतर लोगों को लगता है कि इससे त्वचा की सफाई ही तो होनी है. लेकिन ऐसा नहीं होता है त्वचा की सफाई के साथ ही यह भी जरूरी है कि स्किन टाइप के अनुसार सोप का चुनाव किया जाए-

1-ग्लिसरीन युक्त साबुन मेडिकेटेड सोप होते हैं और यह मिली-जुली यानि कॉम्बिनेशन स्किन टाइप वालों के लिए फायदेमंद होता है. इसके अलावा जिनकी त्वचा रूखी और संवेदनशील होती है उन्हें भी इस सोप का इस्तेमाल करना चाहिए.

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