टमाटर एक ऐसी सब्जी है जो सबको प्रिय होती है। यह कच्चा भी बहुत स्वादिष्ट लगता है और इसे पकाकर भी खाया जाता है। यह लोहे और विटामिन-सी की शक्ति का खजाना है। इसके बीज आसानी से पचते नहीं है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम की मात्रा इसमें ज्यादा होती है। टमाटर में रस बहुत ज्यादा होता है। इसमें लाईकोप्रीन तत्व पाया जाता है। यह खाने में खट्टा-मीठा होता है। टमाटर गोल एवं लम्बा देशी छुहारे की भांति भी होता है। पहाड़ी टमाटर पतले छिलके वाला और कम लाल होता है। लाल टमाटर में क्रोमोफिल की मात्रा ज्यादा होती है। सिट्रिक अम्ल के कारण टमाटर खट्टा स्वाद देता है। इसके अतिरिक्त क्लोरीन, फास्फोरस, पोटेशियम और गंधक भी टमाटर में पाया जाता है। टमाटर में ए, बी, सी तीनों विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कच्चा टमाटर खाने से ज्यादा लाभ मिलता है। प्रात:काल में दो लाल ताजे टमाटर खाने से और उस पर दूध पीने से रक्त की शुध्दि और वृध्दि होती है। टमाटर का रस पीने से बल एवं स्फूर्ति मिलती है। गले, सड़े, कच्चे, छोटे टमाटर खाने से शरीर को लाभ की अपेक्षा हानि होती है। मधुमेह वाले रोगियों के लिए टमाटर लाभदायक होता है। टमाटर खाने से आंखों की ज्योति में वृध्दि होती है, क्योंकि इसमें विटामिन-ए होता है। रेटीनिन प्रोटीन, विटामिन-ए बनाता है जो आंखों की रोशनी के लिए लाभदायक होता है। टमाटर बच्चों को बहुत प्रिय होता है। टमाटर को खाने के बहुत से अन्य साधन हैं।
– आजकल हर सब्जी में तड़का लगाते समय टमाटर डाला जाता है, इससे सब्जी स्वादिष्ट बनती है।
– टमाटर की चटनी भी अलग से सब्जी के रूप में खाई जाती है।
– टोमेटो-सॉस का प्रचलन आजकल बहुत ज्यादा है। टमाटर उबालकर, छानकर, गाढ़ा बनाकर टमाटर सॉस बनाया जाता है।
– टमाटर का सूप बनाकर इसे गरमागरम परोसकर पिया जाता है। इससे तुरंत ऊर्जा मिलती है। मौसमी सब्जियां ही खाएं। बेमौसमी फल और सब्जियां बीमार कर देती हैं। टमाटर या कटी सब्जियों को काटने से पहले धोएं। बाद में धोने से सब्जियों के विटामिन, खनिज पानी में घुलकर बह जाते हैं। छिलका समेत सब्जियां खाएं और तंदुरुस्ती का खजाना पाएं।
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