यूरिनरी इनकंटीनेंस: इस रोग का है सटीक उपचार

सरल भाषा में कहें, तो यूरिनरी इनकंटीनेंस (मूत्र असंयम) का आशय पीड़ित व्यक्ति का मूत्र या पेशाब के वेग को नियंत्रित न कर पाना है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को अगर हंसी या छींक आ जाए, तो उसकी पेशाब निकलनी शुरू हो जाती है। जागरूकता की कमी और सामाजिक तौर पर संकोच या शर्म की वजह से तमाम लोग इस स्वास्थ्य समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस रोग के दोगुने मामले पाए जाते हैं।

वस्तुत: महिलाएं सामाजिक संकोच के कारण इस बीमारी के बारे में किसी को नहीं बतातीं। शायद यही वजह है कि यह बीमारी एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या होने के बावजूद बहुत कम दर्ज होती हैं। इसलिए महिलाएं इस समस्या से ज्यादा ग्रस्त होती हैं। पीड़ित महिलाएं मेडिकल सहायता के लिए स्त्रीरोग विशेषज्ञ या नेफ्रोलॉजिस्ट के पास जाती हैं, लेकिन ये बीमारी दोनों ही विशेषज्ञों से नहीं जुड़ी हैं। जब तक बीमारी समझ में आती है, तब तक यह काफी गंभीर हो चुकी होती है।

अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो समय रहते यूरीनरी इनकंटीनेंस की बीमारी का पता चल सकता है और इसका इलाज संभव है।

इलाज

जिन रोगियों को अन्य इलाज जैसे दवाओं, डाइट में बदलाव और व्यायाम करने से लाभ नहीं मिलता, उन्हें इंटरस्टिम थेरेपी अपनाने की सलाह दी जाती है। इंटरस्टिम, न्यूरो मॉड्यूलेशन थेरेपी है। गौरतलब है कि सैक्रल न‌र्व्स या तंत्रिकाएं मूत्राशय थैली (यूरीनरी ब्लैडर) और पेशाब से संबंधित मांसपेशियों को नियंत्रित करती हैं।

इंटर स्टिम, न्यूरो मॉड्यूलेशन थेरेपी के अंतर्गत इन्हीं सैक्रल न‌र्व्स को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है। अगर दिमाग और सैक्रल तंत्रिकाओं का आपस में सही संपर्क नहीं होता, तो मूत्राशय थैली संबंधी समस्याएं सामने आती हैं। इंटर स्टिम थेरेपी में न्यूरो स्टीम्युलेटर की मदद से सैक्रल तंत्रिकाओं को हल्के इलेक्ट्रिक सिस्टम से नियंत्रित किया जाता है। इससे दिमाग और तंत्रिकाओं को आपस में सही संपर्क करने में मदद मिलती है और मूत्राशय संबंधी समस्याओं को कम करने में आसानी होती है।

(डॉ.आशीष सभरवाल यूरोलॉजिस्ट

स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधित सभी प्रकार के प्रश्नों के लिए आप हमसे संपर्क  कर सकते हैं

स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या के लिए फार्म भरें .

या 

WhatsApp No 6396209559  या

हमें फ़ोन काल करें 6396209559