न्यूयॉर्क: अगर आपकी आंखें शुष्क होना सामान्य बात है, लेकिन इससे होने वाली जलन और किसकिसापन से दृष्टि कमजोर हो सकती है और आंखों के कोर्निया (श्वेत पटल) को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इससे बचे रहने का सबसे सरल उपाय है आखों की पलकें झपकते रहना। एक शोध में शोधकर्ताओं ने पाया है कि जब आंखें खुली होती हैं तो आंसू आंखों के किनारे आ जाते हैं और उनका विरलन हो जाता है।
ओवर्चर सॉफ्टवेयर कार्यक्रम का प्रयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने एक खुली आंख की सतह पर आंसुओं के प्रवाह का पुनर्निर्माण किया और नली के माध्यम से आंसुओं को ऊपरी कोने से दूसरी कोने की ओर घुमाया।
अमेरिका के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सहायक प्रोफेसर कारा माकी ने कहा कि हम एक चीज का पता लगाने में सफल रहे कि जब आपकी आखें खुली होती हैं तो आंसू आपकी आंखों किनारे आकर उनका विरलन हो जाते हैं, जिसे ब्लैक लाइन कहा जाता है।
माकी ने बताया कि पलक झपकने और उठाने से आंसू की परत ऊपर चढ़ती है कम दबाव से पानी मध्य भाग से दूर रहता है जिससे शुष्क क्षेत्र बनता है जो दृष्टि कम कर सकता है और कोर्निया को नुकसान पहुंचा सकता है।
माकी ने कहा कि हमने इस बात की पुष्टि की है कि आंसुओं को विरलन होने से रोकने के लिए झपकियां लेना जरूरी है। आप जितनी पलकें झपकते हैं आपकी आंखों पर आंसू की परत फिर चढ़ जाती है। उन्होंने बातया कि आंसू की परत का दृष्टि गुणवत्ता से चिकना होना महत्वपूर्ण है।
महिलाएं मुख्य रूप से रजोनिवृत्ति से जुड़े हार्मोन संबंधी परिवर्तनों के कारण शुष्क नेत्रों से पीड़ित होती हैं। यह शोध `फिजिक्स ऑफ फ्ल्यूडस` में प्रकाशित हुआ।