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एक्टिव एग्री... (खर्च बचाये-उपज बढाये) किसी भी खाद (उवर्रक),कीटनाशक इत्यादि में मिलाकर प्रयोग करने से इसकी कार्य छमता (गुद्वत्ता) में वृद्धि करता है
एक्टिव एग्री... (खर्च बचाये-उपज बढाये) किसी भी खाद (उवर्रक),कीटनाशक इत्यादि में मिलाकर प्रयोग करने से इसकी कार्य छमता (गुद्वत्ता) में वृद्धि करता है
आंवला रस
आयुर्वेद में आंवला एक उत्तम रसायन है यह विटामिन सी के प्राकर्तिक स्रोतों में सबसे उत्तम है इसमें विटामिन सी के अतिरिक्त विटामिन बी ,फास्फोरस , आयरन ,कैल्शियम आदि तत्व भी पाये जाते है अत: यह प्राकर्तिक सप्लीमेंट है इसके प्रतिदिन सेवन से शरीर को अनेकोनेक लाभ होते है जिसमे से कुछ निम्नलिखित है:-
न्यूट्री माइंड
यह शरीर के सिर से पावो तक के अंगो को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक उत्पाद है किन्तु इसका मुख्य प्रभाव मस्त्तिक ,ह्रदय व जोड़ो पर है इसके मुख्य घटक ओमेगा -3 फैटी एसिड,जिगसेंग व ज़िको विलोबा है इसके अतिरिक्त इसमें शरीर के लिए आवश्यक विटामिन A,B GROUP,C,D E तथा मिनरल कैल्शियम,फास्फोरस इत्यादि है इसके मुख्य घटको के लाभ निम्न है
त्रिफला रस
त्रिफला रस आयुर्वेद का वरदान है त्रिफला रस का प्रयोग आयुर्वेदचार्य सेकड़ो वर्षो से सभी प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में प्रयोग करते आ रहे है इसमें आयुर्वेद की मतानुसार वात ,पित और कफ तीन दोष माने गये है त्रिफला हरंड, बहेडा और आवला से मिलकर बनता है और उक्त त्रिदोषो को दूर करता है इसके विस्तृत लाभ निम्न है :-
आयरन फोलिक प्लस
यह आयरन (लौह तत्व) फोलिक एसिड,विटामिन बी १२ ,जिक व विटामिन C का मिश्रण हैं शरीर में खून बनाने के लिए आयरन फोलिक एसिड व विटामिन -१२ की आवश्यकता होती है तथा रिसर्च द्वारा ज्ञात हुआ है ,कि विटामिन Cशरीर में आयरन शोसित (ABSORB) होने की मात्रा बड़ा देता है अत: आयरन फोलिक प्लस शरीर में खून की कमी दूर करने का आदर्श उत्पाद हैं
आयरन फोलिक प्लस
यह आयरन (लौह तत्व) फोलिक एसिड,विटामिन बी १२ ,जिक व विटामिन C का मिश्रण हैं शरीर में खून बनाने के लिए आयरन फोलिक एसिड व विटामिन -१२ की आवश्यकता होती है तथा रिसर्च द्वारा ज्ञात हुआ है ,कि विटामिन Cशरीर में आयरन शोसित (ABSORB) होने की मात्रा बड़ा देता है अत: आयरन फोलिक प्लस शरीर में खून की कमी दूर करने का आदर्श उत्पाद हैं
आवश्यकता क्यों ?
विभिन्न सर्वेक्षण से स्पष्ट हो चुका हैं कि भारत की लगभग दो तिहाई जनसंख्या आयरन की कमी की वजह से एनीमिया (खून की कमी) ग्रसित है
जिसमे स्स्त्रियो व किशोरावस्था में बालिकाओ में खून कही कमी चिन्ताजनक स्तर तक कम है इस कारण इन्हें अनेकों स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है बालपन व किशोरावस्था में लौह तत्व कमी होने के कारण शारीरिक व मानसिक विकास बाधित हो रहा है
गर्भवस्था में लौह तत्व की कमी होने बाले बच्चे तथा माँ दोनों को ही गंभीर परिणाम
भुगतने पड़ सकते है इसकी कमी से गर्भ में बच्चे का विकास बाधित हो जाता है , विशेष कर मानसिक विकास नहीं हो पाता है अत: गर्भावस्था में IRON FOLIC PLUS लेना अति आवश्यक है
आयरन की कमी होने पर किन लक्षण से पहचाना जा सकता है
• आयरन की कमी से खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है हीमोग्लोबिन ही फेफड़ो द्वारा ऑक्सीजन को शरीर के विभिन अंगो तक ले जाती है हीमोग्लोबिन कम होने के कारण ह्रदय को अंगो में ऑक्सीजन पहुचाने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे ह्रदय की धड़कने अनियमित रहने लगती है
• थकान व आलस्य बना रहता है
• चक्कर आना व हाथ पैरो का ठंडा रहना
• भूख कम लगना ,शारीरिक वृद्धि का न होना
• मुह के किनारे का फटा रहना
• अखाध वस्तुओं को खोने की इच्छा होना जैसे चाक,पेंसिल,मिटटी,ककड़ इत्यादि
• पैरो में बेचैनी का अनुभव होना तथा उन्हें चलाते रहने की इच्छा करना
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