ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो सोचते हैं कि सुबह का नाश्ता जरूरी नहीं अगर लंच तक काम चल सके। यही कारण है कि दिल्ली की वयस्क आबादी महीने में लगभग सोलह दिन नाश्ता नहीं करती है। ‘इंडिया ब्रेकफास्ट हैबिट स्टडी’ के तहत हाल ही में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में हुए शोध के अनुसार दिल्ली के लोग नाश्ते को सबसे कम तरजीह देते हैं।
आहार विशेषज्ञों के अनुसार इसके कारण दिल की बीमारियों से लेकर मोटापे का भी प्रतिशत बढ़ रहा है। हाल में मुंबई के कॉलेज ऑफ होम साइंस की रिसर्च डायरेक्टर डॉ मालती शिवरामकृष्णा एवं सहयोगियों ने चार महानगरों के लोगों की नाश्ता करने की आदत पर शोध किया। इसके नतीजे चौंकाने वाले रहे, जिसमें खाने में पोषण को बहुत तरजीह देने वाली दिल्ली नाश्ते में पोषण के मामले में फिसड्डी साबित हुई।
मुंबई, कोलकाता और चेन्नई की तुलना में यहा सबसे अधिक लोग नाश्ता नहीं करते हैं, जबकि लगभग 80 प्रतिशत दिल्लीवाले खाना कभी नहीं छोड़ते। वक्त न होना यहा नाश्ता न करने का सबसे बड़ा कारण है, वहीं मुंबई में भूख न लगना इसका कारण है। नाश्ते के मामले में ऐसी लापरवाही लोगों को भारी भी पड़ सकती है क्योंकि इसका संबंध संपूर्ण स्वास्थ्य से है। गत जुलाई को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित शोध के अनुसार जो लोग नियमित रूप से नाश्ता छोड़ते हैं, उन्हें दिल के दौरे का अपेक्षाकृत ज्यादा खतरा होता है। 16 सालों तक लगभग 26 हजार लोगों पर यह शोध किया गया।
1992 से 2008 तक चले शोध के नतीजे कहते हैं कि नाश्ता न करने वाले लोगों को कोरोनरी हार्ट डिसीज का खतरा 27 प्रतिशत ज्यादा होता है। नाश्ता न करने के कारण कई तरह की समस्याओं जैसे डायबिटीज, मोटापा, उच्च रक्तचाप व हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है, जो दिल की बीमारियों का सीधा कारण है। सर गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन डॉ जेपीएस साहनी कहते हैं कि नाश्ते का दिल के स्वास्थ्य से सीधा संबंध है। यहा पर लोग व्यस्तता के चलते नाश्ता नहीं करते और रात में सोने से पहले खाकर सीधे सोने चले जाते हैं। इससे कैलोरी नहीं जल पाती है और पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है जो रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और शुगर जैसी बीमारिया देने के बाद दिल पर आक्रमण करती है।
एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ राकेश यादव के अनुसार सुबह पौष्टिक नाश्ता और व्यायाम कई तरह के ह्रदयरोगों से बचाव करता है। वरिष्ठ आहार-विशेषा डॉ चारु दुआ मानती हैं कि नाश्ता करने में लापरवाही और व्यायाम न करना जीवनशैलीजन्य बीमारियों की वजह है। रात देर से खाने के कारण शरीर में जरूरी तत्वों का आभाव हो जाता है, जो मोटापा, उच्च रक्तचाप से होकर ह्रदय रोग और तनाव की भी वजह बनता है। लोगों में मिथक है कि जो हल्का हो, वही नाश्ता है, जबकि नाश्ता दिनभर में सबसे भारी और पौष्टिक होना चाहिए।