जाड़े के मौसम में स्पाइनल अर्थराइटिस, कमर दर्द व शरीर में सुन्नपन की समस्या बढ़ जाती है। इस रोग को मेडिकल भाषा में ‘कोल्डएलोडाइएनिया’ कहते हैं। रूमैटॉइड अर्थराइटिस, फैसेटल अर्थराइटिस और एन्कॉयलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस से ग्रस्त रोगियों में कमर दर्द व जकड़न की समस्या सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक होती है। ‘कैनाल स्टेनोसिस’ से ग्रस्त रोगियों (जिनमें रीढ़ की नस पर दबाव होता है) में सर्दियों के मौसम में तकलीफ सामान्य से ज्यादा बढ़ जाती है।
कारण:
सर्दियों में शरीर की मांसपेशियों के सिकुड़ जाने के कारण नसों में खिच्चाव उत्पन्न होने लगता है। इस कारण अत्यधिक दर्द का अहसास होता है।
ब्च्चाव से संबंधित सुझाव
-सर्दियों में शरीर को हमेशा गर्म रखना अत्यधिक आवश्यक है। इसके लिए ऊनी कपड़े और ‘बॉडी वार्मर’ का इस्तेमाल करें।
-नियमित रूप से सुबह व शाम को स्ट्रेच्चंग व्यायाम करें और ‘योग’ का सूर्य नमस्कार नामक व्यायाम आपको कोल्डएलोडाइएनिया से ब्च्चा सकता है।
-इस मौसम में नियमित रूप से घर के अंदर व्यायाम करें। तैराकी और गर्म पानी से स्नान करना स्पाइनल अर्थराइटिस में अत्यन्त लाभकारी है।
-अत्यधिक दर्द होने पर फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लें।
जाचें :
डेक्सा बोन स्कैनिंग (हड्डी की मजबूती जानने के लिए), न्यूक्लियर बोन स्कैन (गांठों की सूजन की जाच्च), एम.आर.आई (स्पाइन) और ब्लड अर्थराइटिस प्रोफाइल टेस्ट। मौजूदा मौसम में हड्डियों और जोड़ों से संबंधित परेशानी होने पर किसी अनुभवी आर्थो-स्पाइन विशेषज्ञ से सलाह लें।