लेजर दूरबीन (एंडोस्कोपी) सर्जरी के क्षेत्र में बीते चंद सालों में काफी तेजी से प्रगति हुई है। इस सर्जरी के जरिये मानव शरीर के लगभग हर उस भाग तक पहुंचा जा सकता है, जहां पारंपरिक शल्य चिकित्सा (ओपन सर्जरी) द्वारा नहीं पहुंचा जा सकता है। ओपन सर्जरी की तुलना में लेजर सर्जरी द्वारा रोगों की डाइग्नोसिस और इलाज कहींज्यादा कारगर रूप से किया जा रहा है। अत्यंत सूक्ष्म एंडोस्कोपिक उपकरणों और कैमरे के उपयोग ने वर्तमान में यूरोलॉजी (मूत्र रोगों से संबंधित विज्ञान)के क्षेत्र में होने वाली सर्जरी में उन्नति के पंख लगा दिए हैं। लंबे- बड़े चीरे की जगह अब की-होल सर्जरी का चलन काफी बढ़ चुका है। इस संदर्भ में लेजर के प्रयोग ने यूरोलॉजी से संबंधित सर्जरी को और भी सटीक और सुरक्षित बना दिया है। किंतु यूरोलॉजी से संबंधित लेजर तकनीक के संदर्भ में लोगों में कई भ्रांतियां व्याप्त हैं, जिनका तथ्यों की रोशनी में निराकरण करना जरूरी है।
मिथ: लेजर द्वारा सर्जिकल इलाज में किसी चीरे/ बेहोशी की आवश्यकता नहीं पड़ती।
तथ्य: यूरोलॉजी से संबंधित सर्जरी में लेजर का उपयोग एंडोस्कोपिक उपकरणों के माध्यम से किया जाता है। इस विधि में शरीर के प्राकृतिक छिद्रों-जैसे पेशाब की नली व यूरेटर (एक नली, जो किडनी को पेशाब की थैली या यूरीनरी ब्लैडर से जोड़ती है)- के जरिये प्रवेश किया जाता है। इसलिए सामान्यत: किसी चीरे की आवश्यकता नहीं पड़ती। वहींकिडनी स्टोन को हटाने के लिए की जाने वाली की-होल सर्जरी द्वारा बनाए गए सूक्ष्म रास्ते के जरिये किडनी में प्रवेश करने के बाद लेजर का उपयोग किया जाता है। इन सभी विधियों में रोगी को बेहोश करना आवश्यक होता है।
मिथ: लेजर द्वारा कोई भी सर्जरी संभव है।
तथ्य: नि:संदेह लेजर एक उन्नत तकनीक है, परंतु इसके उपयोग की अपनी सीमाएं हैं। लेजर तकनीक के पूर्ण उपयोग में सबसे बड़ी बाधा इंडोस्कोपिक उपकरणों की उपलब्धता से संबंधित है। ये अत्याधुनिक उपकरण अत्यधिक महंगे होते हैं और सहजता से हर स्थान पर उपलब्ध नहींहोते। लेजर ट्रेनिंग सेंटर्स के अभाव के कारण लेजर सर्जरी में माहिर सर्जन्स की उपलब्धता भी सीमित है।
मिथ: लेजर पूर्णत: सुरक्षित तकनीक है..।
तथ्य: बेशक लेजर एक सुरक्षित तकनीक है, बशर्ते कि इसका तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा सही उपकरणों के साथ उपयोग किया जाए, अन्यथा इसके विपरीत व विनाशकारी परिणाम भी हो सकते हैं। उदाहरणस्वरूप होलमियम लेजर ऐसा ऊर्जा स्रोत है, जिससे कोई भी पदार्थ काटा जा सकता है। लोहा या कोई अन्य धातु तक। इसलिए जरा सी चूक अर्थ का अनर्थ कर सकती है।
क्या है लेजर
लेजर तकनीक का पूरा नाम (लाइट एम्पलीफिकेशन बाइ स्टीम्युलेटेड एमिशन ऑफ रेडिएशन) है। अन्य ऊर्जा स्रोतों की तरह यह भी एक ऊर्जा स्रोत है।
इस ऊर्जा स्रोत का उत्पादन सूक्ष्म कणों की विकिरण प्रक्रिया(एमिटेड रेडिएशन प्रोसीजर) द्वारा किया जाता है। इस ऊर्जा को लेजर फाइबर (लेजर किरणों को ले जाने वाला वाहक या कैरियर) द्वारा शरीर के आंतरिक अंगों तक एंडोस्कोपिक उपकरणों द्वारा पहुंचाया जाता है।
(डॉ.प्रशांत जैन यूरोलॉजिस्ट, दिल्ली