दिल को मजबूत करने वाले व्यायाम से बढ़ती उम्र में मनुष्य की बौद्धिक क्षमता शिथिल नहीं पड़ती है। यूनिवर्सिटी ऑफ मांट्रियल और इससे जुड़े एक शोध संस्थान के शोधकर्ताओं ने 18 से 30 वर्ष की आयुवर्ग के 31 युवाओं और 55 से 75 वर्ष की आयुवर्ग के 54 प्रतिभागियों के दिल के स्वास्थ्य का अध्ययन किया।
क्लाउडाइन गॉथियर ने कहा, ‘हमारे शरीर की धमनियां उम्र के साथ साथ सख्त होती चली जाती हैं।
धमनियों का सख्त होना दिल से निकलने वाली महाधमनी से शुरू होता है। सीधे मस्तिष्क तक पहुंचने वाली इन धमनियों के सख्त होते जाने से मनुष्य की बौद्धिक क्षमता भी प्रभावित होती है।’