अंकुरित दानों का सेवन सुबह नाश्ते के समय ही करना चाहिये।
अंकुरित दानों का सेवन और उसके लाभ

अंकुरित दानों को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में अमृताहार माना गया है। ये दाने न सिर्फ शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते हैं, बल्कि शरीर को पुनः उन्नत और स्वस्थ भी बनाते हैं। अंकुरित भोजन में भरपूर मात्रा में विटामिन्स (ए, बी, सी, डी और के), खनिज जैसे कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस होते हैं। साथ ही, इसमें मौजूद क्लोरोफिल, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए अत्यंत फायदेमंद होते हैं।

अंकुरित आहार के प्रमुख लाभ:
  1. रोग मुक्त शरीर:
    अंकुरित दाने शरीर का आंतरिक शुद्धिकरण करते हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह शरीर को ऊर्जावान बनाता है और आपको एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।
  2. पोषक तत्वों का खजाना:
    अंकुरित दानों में विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, केरोटीन (जो विटामिन ए का रूप बनता है), और फाइबर की मात्रा दोगुनी हो जाती है। इस प्रक्रिया में बीजों के कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन अधिक सुपाच्य हो जाते हैं, जिससे पाचन में मदद मिलती है।
  3. पाचन में सहायता:
    अंकुरण के बाद बीजों की ऊपरी परत फट जाती है, जिससे उनका रेशा नरम हो जाता है। यह पाचन को आसान बनाता है और बच्चों तथा बुजुर्गों के लिए यह आदर्श आहार बन जाता है, जिन्हें आमतौर पर हलका खाना चाहिए।
  4. आसान और सस्ता:
    अंकुरित आहार महंगे फलों और सब्जियों के मुकाबले काफी सस्ता होता है। इसके अलावा, इसे तैयार करना बहुत आसान है, और इसे ज्यादा समय और मेहनत की आवश्यकता नहीं होती।
  5. स्वाद और स्वास्थ्य में वृद्धि:
    अंकुरित दानों का स्वाद और पोषक गुण बढ़ जाते हैं। बीजों के अंकुरण से स्टार्च ग्लूकोज, फ्रक्टोज और माल्टोज में बदल जाता है, जो स्वाद को और बढ़ाते हैं और पोषण में वृद्धि करते हैं।
अंकुरित दानों का सेवन:
  • सेव करने का समय:
    अंकुरित दानों का सेवन सुबह के समय नाश्ते के रूप में करना सबसे लाभकारी होता है। आप इन्हें कच्चा, हल्का पका हुआ या बिना नमक के खा सकते हैं।
  • अंकुरित दानों को किसके साथ खाएं:
    अंकुरित दानों को मीठे खाद्य पदार्थों जैसे खजूर, किशमिश, मुनक्का, शहद आदि के साथ या फिर सब्जियों जैसे टमाटर, गाजर, खीरा, ककड़ी, शिमला मिर्च आदि के साथ खा सकते हैं। इससे आपका आहार स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बन जाता है।
  • अंकुरण की विधि:
    अंकुरित करने के लिए बीजों को अच्छे से धोकर एक शीशे के जार में भर लें और पानी डालकर भीगने दें। अगले दिन इसे धोकर सूती कपड़े में बांधकर उपयुक्त स्थान पर रखें। गर्मियों में आमतौर पर 24 घंटे में ये अंकुरित हो जाते हैं।
अंकुरित दानों का सेवन कैसे करें:

अंकुरित दानों को हमेशा चबाकर खाएं ताकि यह अच्छे से पच सके। अगर किसी बुजुर्ग व्यक्ति को चबाने में कठिनाई होती है तो वे इन दानों का पेस्ट बनाकर खा सकते हैं। ध्यान रखें कि पेस्ट को भी कुछ समय तक मुँह में रखकर चबाएं ताकि लार इनसे मिलकर पाचन में सहायता कर सके।

ध्यान देने योग्य बातें:
  1. अंकुरित दानों का सेवन सुबह के नाश्ते में करें।
  2. अंकुरित बीजों को अच्छी तरह से धोकर ही सेवन करें।
  3. बीजों को चबाकर खाएं ताकि उनका पूर्ण पोषण मिल सके।
  4. यदि अंकुरित दाने कच्चे अच्छे न लगें तो इन्हें हल्का सा पका सकते हैं।
निष्कर्ष:

अंकुरित दानों का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है, बल्कि आपको ताजगी और ऊर्जा भी प्रदान करता है। इसके नियमित सेवन से आप न केवल अपनी सेहत सुधार सकते हैं बल्कि शरीर को अंदर से भी शुद्ध कर सकते हैं।

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