आज के समय में अधिकतर लोगों को आंखों से जुड़ी कोई न कोई समस्या होती है। यही कारण है कि कम उम्र में ही कई लोगों को आंखों की कमजोरी के कारण चश्मा लग जाता है। यदि समय-समय पर आंखों की भी देखभाल की जाए तो काफी हद तक इसमें पैदा होने वाली समस्याओं पर रोक लगाई जा सकती है। एक्युप्रेशर भी एक ऐसा ही नेचुरल तरीका है। जिसका उपयोग करके आप आंखों को चश्में से दूर व स्वस्थ रखा जा सकता है।
1.आंखों से संबंधित प्रमुख केंद्र दोनों पैरों और दोनों हाथों में अंगूठों के साथ वाली दो उंगलियों के उस भाग में होते हैं, जहां उंगलियां तलवों तथा हथेलियों से मिलती है, वहां पहली उंगली(अंगूठे के पास) से दूसरी उंगली तक प्रेशर देंगे।
2. हाथों के अंगूठों के साथ वाली दो उंगलियो पर प्रेशर देने से आंख पर दबाव कम होकर बीमारी दूर होती है। आंखों और दिमाग में गहरा संबंध है, इसलिए दिमाग से संबंधित प्रेशर पॉइंट जो हाथों और पैरों की उंगलियो के टिप्स पर स्थित होते है, इन पर प्रेशर दें।
3. गर्दन के पीछे जहां पर खोपड़ी गर्दन से मिलती है, वहां हाथ पीछे करके अंगूठे से सीधा प्रेशर दे सकते हैं। हाथों पर आंखों संबंधी अन्य केंद्र अंगूठे और पहली उंगली के तिकोने भाग में स्थित होता है। अंगूठे और पहली उंगली के मिलाने पर जो जगह उभरती है, उसी के नीचे यह प्रतिबिंब केंद्र होता है। इस जगह पर प्रेशर देने से शीघ्र आराम मिलेगा।
4. आंखों संबंधी पैर पर दो अन्य प्रतिबिंब केंद्र है। पहला केंद्र प्रत्येक पैर के ऊपर पहले चैनल में उंगलियों की तरफ से दो अंगूठों के अंतर पर स्थित होता है, जबकि दूसरा केंद्र उस मध्य भाग में होता है,जहां पर पैर और टांग आपस में मिलते हैं। इन पर प्रेशर दें।
5. भौहों को अंगूठों तथा उंगलियो से पकड़ कर धीरे-धीरे पांच-सात बार हल्का-हल्का दबाव दें। इसी प्रकार आंखों को बंद करके पुतलियों के ऊपर नाक की तरफ से कान की तरफ उंगलियों से हल्का-हल्का पांच-सात बार दबाव दें। यह क्रिया दूसरे से भी करा सकते हैं। आंखों के अग्रभाग पर भी प्रेशर देने से नेत्रों की ज्योति ठीक होती है।