ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (Human immunodeficiency virus) (एचआईवी) (HIV) एक लेंटिवायरस (रेट्रोवायरस परिवार का एक सदस्य) है, जो अक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (acquired immunodeficiency syndrome) (एड्स) (AIDS) का कारण बनता है,जो कि मनुष्यों में एक अवस्था है, जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र विफल होने लगता है और इसके परिणामस्वरूप ऐसे अवसरवादी संक्रमण हो जाते हैं, जिनसे मृत्यु का खतरा होता है। एचआईवी (HIV) का संक्रमण रक्त के अंतरण, वीर्य, योनिक-द्रव, स्खलन-पूर्व द्रव या मां के दूध से होता है। इन शारीरिक द्रवों में, एचआईवी (HIV) मुक्त जीवाणु कणों और प्रतिरक्षा कोशिकाओं के भीतर उपस्थित जीवाणु, दोनों के रूप में उपस्थित होता है। इसके संचरण के चार मुख्य मार्ग असुरक्षित यौन-संबंध, संक्रमित सुई, मां का दूध और किसी संक्रमित मां से उसके बच्चे को जन्म के समय होने वाला संचरण (ऊर्ध्व संचरण) हैं। एचआईवी (HIV) की उपस्थिति का पता लगाने के लिये रक्त-उत्पादों की जांच करने के कारण रक्ताधान अथवा संक्रमित रक्त-उत्पादों के माध्यम से होने वाला संचरण विकसित विश्व में बड़े पैमाने पर कम हो गया है।
- एचआईवी से तात्पर्य ह्युमन इम्यूनो डिफीशियन्सी वायरस है|
- यदि इसका उपचार नहीं किया गया तो एड्स होने में 10 से 15 साल लगते हैं और तब एचआईवी इम्यून सिस्टम को गंभीर रूप से नुक्सान पहुंचाता है| शीघ्र निदान और प्रभावी एंटीरेट्रोवायरल उपचार से एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति एक सामान्य, स्वस्थ जीवन जी सकता है|
- एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों में होता है: वीर्य, रक्त, योनि और गुदा से निकलने वाले तरल पदार्थ और ब्रेस्ट मिल्क आदि|
- एचआईवी पसीने, लार और मूत्र से संचरित नहीं होता|
- यू. के. के आंकड़ों के अनुसार किसी भी व्यक्ति के एचआईवी से संक्रमित होने का सबसे आम कारण बिना कंडोम के एनल या वजाइनल सेक्स करना है|
- इसके अलावा संक्रमित सुई, सिरिंज या दवाई लेने के अन्य उपकरणों से भी आप को संक्रमण हो सकता है या संक्रमित मां से गर्भावस्था के दौरान, बच्चे के जन्म के समय या स्तनपान करते समय बच्चा संक्रमित हो सकता है|