असली टैटू बनवाने में होने वाले दर्द से बचने के लिए अगर आप नकली टैटू बनावाने की सोच रहे हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि क्योंकि इनसे एलर्जी हो सकती है. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की एक रिपोर्ट में नकली टैटू को लेकर सचेत किया गया है.
इसमें कहा गया है कि अस्थाई टैटू से त्वचा पर फफोले और चकत्ते पड़ सकते हैं इसके साथ ही त्वचा में बदलाव, धूप में संवेदनशीलता बढ़ने जैसे दीर्घकालिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि बबल गम के साथ मिलने वाले वेट-एंड-प्रेस टैटू के साथ अस्थायी टैटू के कई प्रकार हैं जिनमें संयत्र आधारित सिंथेटिक रंगों का प्रयोग किया जाता है.
कुछ टैटू में मेंहदी और हेयर डाई संघटक पी-फिनाइलिनडायमाइन (पीडीपी) का प्रयोग किया जाता है, यह मिश्रण त्वचा पर प्रयोग के लिए एफडीए द्वारा स्वीकृत नहीं है. जेनपा अमेरिकाना पेड़ के फल से निकाला जाने वाला जेगुआ रंग भी त्वचा पर प्रयोग के लिए स्वीकृत नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया कि असली टैटू में भी दूषित स्याही के प्रयोग का खतरा रहता है, जिससे संक्रमण हो सकता है.