शहद या मधु एक प्राकृतिक मधुर पदार्थ है जो मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस को चूसकर तथा उसमें अतिरिक्त पदार्थों को मिलाने के बाद छत्ते के कोषों में एकत्र करने के फलस्वरूप बनता है। शहद हर किसी के जीवन में महत्व रखता है। फिर चाहे वह खानपान, चिकित्सा से संबंधित हो या फिर सौंदर्य से। इसमें प्रचुर मात्रा में गुण हैं। आज से हजारों वर्ष पहले से ही दुनिया के सभी चिकित्सा शास्त्रों, धर्मशास्त्रों, पदार्थवेत्ता-विद्वानों, वैधों-हकीमों ने शहद की उपयोगिता व महत्व को बताया है। आयुर्वेद के ऋषियों ने भी माना है कि तुलसी व मधुमय पंचामृत का सेवन करने से संक्रमण नहीं होता और इसका विधिवत ढंग से सेवन कर अनेक रोगों पर विजय पाई जा सकती है। इसे पंजाबी भाषा मे माख्यों भी कहा जाता है। शहद तो देवताओं का भी आहार माना जाता रहा है। कहते हैं कि महापराक्रमी दैत्य महिषासुर के साथ युद्ध करते समय जगन्माता चंडिका ने बार-बार शहद का पान करके दैत्य का वध किया था।
स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए शहद के इतने सारे लाभ होने के कारण हर सौंदर्य प्रसाधन कंपनी इसे अपने सौंदर्य प्रसाधनों में प्रयोग करती है। इसे त्वचा पर लगाकर त्वचा की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
बड़े काम का है शहद
एंटीएजिंग गुण
शहद में एन्टीबैक्टीरियल और एन्टीमाइक्रोबियल तत्व पाये जाते हैं। ये स्किन से डेड सेल्स निकाल कर झुर्रियों को आने से रोकता है। शहद ह्युमेंक्टेंट यौगिक से भरपूर होता है जो त्वचा में नमी बरकरार रखते हैं ताकि त्वचा की कोमलता बनी रहे। अगर इसे रोज त्वचा पर लगाया जाए तो आपकी त्वचा चमकदार और कोमल हो जाती है।
बेहतर सनस्क्रीन
शहद एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और अल्ट्रावायलेट किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता हैं। शहद में ऐसी खूबी है कि यह त्वचा को सूर्य की तेज किरणों से बचाता है और त्वचा को ताजगी प्रदान करता है। यह त्वचा को देर तक धूप में रखने पर भी उसमें पानी की कमी नहीं होने देता और त्वचा को सूखेपन से बचाता है। इसका उपयोग सनस्क्रीन के तौर पर भी किया जाता है।
गहराई से करे सफाई
ये त्वचा के ऊपरी परत में गहराई तक जाके पोर्स को बंद करता है और स्किन में गंदगी को आने से रोकता है, इसलिए ये मुहांसों से लडऩे में भी असरदार होता है। शहद त्वचा के लिए एक अच्छा क्लींजर और माइश्चराइजर भी है जो स्किन को टोन करता है और उसे टाइट भी बनाता है।
घाव करे ठीक
शहद में ग्लूकोज, एमिनो एसिड और विटामिन पाए जाते हैं जिससे हमें कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं जो सभी तरह के घावों को ठीक करने में सहायक होते हैं। क्योंकि ये एन्टीबैक्टीरियल होता है इसलिए ये घाव से तरल पदार्थ निकाल कर शीघ्र ही इसे हील करना भी शुरू कर देता है। अगर आपका हाथ कोई घरेलू काम करते समय जल गया है तो आप जली हुई जगह पर शहद लगा सकते हैं।
त्वचा रोगों में उपयोगी
इसका उपयोग दर्द को कम करने और तेजी से उपचार के लिए भी किया जाता है। यह एग्जिमा, त्वचा की सूजन और अन्य त्वचा विकारों को सही करने में भी इस्तेमाल किया जाता है। शहद में मौजूद एंटी फंगल गुण के कारण इसका उपयोग एथलीट फुट और खुजली जैसे संक्रमणों में भी किया जाता है।
- एक चुटकी मोती के पाउडर को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इस पाउडर से सूजन कम होगी और धब्बे भी फीके पडऩे लगेंगे।
- जिन महिलाओं की त्वचा तैलीय होती है, उन्हें शहद और दूध का घोल नियमित अपने चेहरे पर लगाने की सलाह दी जाती है।
- तरोताजा स्नान के लिए एक कप गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाएं, फिर 2-3 बूंद लेवेंडर तेल की मिलाकर इसे नहाने के पानी में डालें और स्नान करें।
- मुहांसों पर रात में सोते समय दालचीनी चूर्ण और शहद मिलाकर लगाएं और सुबह धो लें, मुहांसे ठीक होंगे और दाग भी नहीं रहेंगे। शहद न सिर्फ सेहत बल्कि आपकी सूरत के लिए भी बेहद उपयोगी है। शहद के उपयोग से त्वचा की कई तरह से देखभाल की जा सकती है। इसे सीधे त्वचा पर लगाकर त्वचा की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है