सर्दी-जुकाम से तकलीफ बढ़ जाती है। हालांकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन यह देखा जाता है कि इस बीमारी में दवाईयों का असर भी कम होता है। इसके लिए सबसे अच्छा होता है घरेलू यानी देसी नुस्खे का इस्तेमाल। घर में बनाए जाने वाले इन देसी नुस्खों से आप आसानी से सर्दी जुकाम को काबू में कर अपना इलाज कर सकते है। पेश है पांच घर में आसानी से बनाए जानेवाले घरेलू उपाय जिनकी मदद से आप सर्दी-जुकाम से चंद घंटों में निजात पा सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में आपके द्वारा की गई जरा सी लापरवाही आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इस मौसम में और मौसम में ज्यादा खुद का ख्याल रखना पड़ता है। इस मौसम को जुकाम और फ्लू का मौसम कहा जाता है। जुकाम, खांसी और फ्लू के मामले इन दिनों बढ़ने लगते हैं। ये भी पढ़े- जानिए आपके लिए पिज्जा ज्यादा फायदेमंद है या फिर पास्ता पुरुषों को दिखना है आकर्षक, तो अपनाएं ये उपाय हवा में मौजूद नमी के जरिए खांसी का संक्रमण माहौल में आसानी से फैल सकता है और दूसरों को संक्रमित कर सकता है। 80 प्रतिशत संक्रमण सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से फैलते हैं। ऐसा देखा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले ज्यादातर लोग खांसी, छाती जमने, गला खराब होने और जुकाम के दूसरे लक्षणों के ही शिकार हो जाते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) मनोनीत अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है, "जब हम खांसते या छींकते हैं तो सांस प्रणाली में मौजूद गंदगी को बाहर निकालते हैं जो बेहद महीन बूंदें भी हो सकती हैं या हवा युक्त नमी के कण हो सकते हैं जो पांच माइक्रोन से भी छोटे होते हैं। दोनों के अपने-अपने प्रभाव होते हैं।" उन्होंने कहा, "नमी के ये कण कुछ ही समय के लिए हवा में रहते हैं और तीन फीट से कम दूरी में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से सांस प्रणाली द्वारा संक्रमण फैलता है। फ्लू के मामले में यह छह फीट हो सकता है। मेनिन्गितिस, रूबेला आदि नमी युक्त कणों से होने वाले संक्रमण के उदाहरण हैं।" अगली स्लाइड में पढ़े किन बातों का रखना चाहिए ख्याल
डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, घरेलू स्वच्छता के मद्देनजर जिन घरों मंे खिड़कियां खुली रहती हैं, वहां पर हवा लगातार साफ होती रहती है, जो संक्रमण को फैलने से रोकती है। लेकिन एसी वाले कमरे, जहां शुद्ध हवा नहीं आती, संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है। खासकर सर्दियां अधिक होने पर संक्रमण को रोकने के लिए कार्यस्थल पर स्वच्छता भी अहम होती है। उन्होंने कहा, "कार्यस्थल जहां पर स्प्लिट एसी है तो वहां अगर एक व्यक्ति को संक्रमण है तो यह दूसरों तक भी फैल सकता है। इसलिए टीबी, मीजल्स (खसरा), चिकनपॉक्स और सारस जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को स्प्लिट एसी वाले जगहों पर नहीं बैठना चाहिए।"
डॉ. अग्रवाल का मानना है कि छह से 10 फीट तक दूरी वाले व्यक्ति को किसी सावधानी की जरूरत नहीं है, लेकिन स्वस्थ व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति के पास तीन से छह फीट के दायरे में है, उसे सामान्य मास्क पहनना चाहिए। टीबी, मीजल्स, चिकनपॉक्स और सारस के पीड़ित इस श्रेणी के संक्रमण में आते हैं और इन्हें आइसोलेशन रूम में रखना चाहिए और जो लोग उनकी देखभाल कर रहे हों, उन्हें एन95 मॉस्क पहनना चाहिए। इन बातों का रखें ध्यान : किसी बीमार व्यक्ति के या आप बीमार हों तो दूसरे के ज्यादा करीब जाने से बचें बीमार होने पर घर पर रह कर आराम करें और दूसरों को संक्रमण से बचाएं अपनी नाक और मुंह को ढककर रखें साबुन या एंटीबायटिक लोशन से अपने हाथ बार-बार धोएं सार्वजनिक स्थानों पर सतहों को छूने से परहेज करें अपने चेहरे को बार-बार हाथ न लगाएं।