जब बात डायबिटीज़ की आती है तो कुछ भी मीठा खाना जोखिमभरा काम हो सकता है क्योंकि मीठा खाने से ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ जाता है। इसी वजह से ज्यादातर डायबिटीज़ के मरीज़ नैचुरली स्वीट यानी प्राकृतिक रूप से मीठे फलों को भी नहीं खाते। लेकिन, ये गलत है।
कई एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि डायबिटीज़ के मरीज़ों में इस बात को लेकर बहुत गलतफहमियां हैं कि कौन सा फल खाएं और कौन सा न खाएं। डायबिटीज़ के मरीज़, जिनकी शुगर कंट्रोल में हो, वो हर तरह के फल खा सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में।
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि फल मीठे होते हैं लेकिन उनमें प्राकृतिक शुगर होती है और इनमें मौजूद विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद होते हैं।
1. शुगर की मात्रा कम
अगर आप पपीते का पौष्टिक गुण देखो तो आपको मालूम चलेगा कि इसमें कम शुगर होती है (1 कप कटे पपीते में 8.3 ग्राम)। फिर भी, ये काफी मीठा होता है। इस वजह से ये फल डायबिटीज के मरीज़ों के लिए परफेक्ट होता है।
2. विटामिन से भरपूर
इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन आदि शामिल हैं, जो आपको हृदय रोगों से दूर रखेंगे। इसकी हाइपोग्लाइसेमिक प्रकृति के कारण, पपीता मधुमेह संबंधी हृदय रोग को रोक सकती है।
3. फाइबर भी होते हैं भरपूर
पपीते में फाइबर और साथ में कुछ अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जिसकी वजह से डायबिटीज़ के मरीज़ों का दिल की बीमारियों से बचाव होता है। अध्ययन में ये बात सामने आई है कि पपाया एक्स्ट्रैक्ट टाइप 2 डायबिटीज़ के बढ़ने की गति को कम करता है।
4. ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है
पपीते में ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम मात्रा में होता है, जिसका अर्थ है कि यह अपनी नैचुरल शुगर धीरे-धीरे जारी करता है, ताकि आपके ब्लड शुगर लेवल तेजी से ना बढ़े।
इस वजह से पपीता डायबिटीज़ के मरीज़ों को जरूर खाना चाहिए। लेकिन उससे पहले उन्हें अपने डॉक्टर से इस पर राय लेनी चाहिए कि उन्हें कितनी मात्रा में पपीता खाना चाहिए। ये डायबिटीज़ की स्टेज पर निर्भर करता है कि इस फल की कितनी मात्रा खाना सही रहेगा।