स्किपिंग यानी रस्सी कूदना एक बेहतरीन ऐरोबिक एक्सरसाइज़ है. इससे पूरे शरीर की एक्सरसाइज़ होती है. यह वज़न कम करने के साथ ही बांह और काफ़ मसल्स को टोन करने में मदद करता है. नियमित रूप से रस्सी कूदने से हड्डियां मज़बूत होती हैं और एकाग्रता व स्टेमिना भी बढ़ता है. इतना ही नहीं, यह हमारे हृदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है,’’ कहना है फ़िटनेस ट्रेनर योगेश चव्हाण का. स्किपिंग से होनेवाले फ़ायदों के बारे में बताते हुए फ़िटनेस ट्रेनर प्रसाद शेट्टी कहते हैं,‘‘स्किपिंग मेटाबॉलिज़्म व बोन डेंसिटी बढ़ाने के साथ ही पैर, घुटनों और ऐंकल को मज़बूत बनाने में सहायक है. नियमित रूप से स्किपिंग करने से आंख, हाथ और पैरों के बीच कोऑर्डिनेशन यानी तालमेल बढ़ता है, लेकिन मैं बताना चाहूंगा कि यह एक शॉर्ट ड्यूरेशन एक्सरसाइज़ है यानी इसे ज़्यादा से ज़्यादा २० मिनट तक ही करना चाहिए. इससे ज़्यादा समय तक लगातार स्किपिंग करने से आपके लोअर बॉडी पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है, जिससे घुटनों के चोटिल होने का ख़तरा बढ़ जाता है. मेरा मानना है कि इसका फ़ायदा उठाने के लिए सिर्फ़ स्किपिंग करने के बजाय इसे अपने वर्कआउट प्लान में शामिल करना चाहिए.’
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