कब्ज शरीर की सबसे आम बीमारियों में गिनी जाती है। खान-पान में गड़बड़ी व खराब जीवनशैली के कारण अधिकांश लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं।
शरीर में वात के बढऩे से कब्ज होती है। खान-पान की गलत आदतें, भूख से ज्यादा खाना, मीट और मुश्किल से पचने वाली भारी अन्न को खाना और फल-सब्जियां-सलाद कम खाने से कब्ज होती है। नींद पूरी न होना, तनाव-भय-चिंता या शोक आदि भी कब्ज का कारण हो सकते हैं। आंत में गांठ और रुकावट की वजह से भी कब्ज हो सकता है।
कब्ज भगाने के नुस्खे
रात को सोने से ठीक पहले गुनगुने पानी से गंधर्व हरीतकी चूर्ण आधा से एक चम्मच लें या फिर स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण आधा से एक चम्मच मिलाएं। बिल्वादि चूर्ण एक चम्मच, गुनगुने पानी से लें या दो छोटे चम्मच केस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) गुनगुने पानी या दूध में मिला कर लें। गुलकंद एक-एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ लेने से भी कब्ज की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।
क्या है इलाज
डॉक्टर सलाह और ट्रेनिंग के जरिए भी कब्ज के रोगियों का इलाज करते हैं। ऐसे में खानपान सुधारे। हरी और रेशेदार सब्जियां और लिक्विड जैसे दूध, फलों का रस, शिकंजी आदि का सेवन करें। एक्सरसाइज भी फायदेमंद।
इनसे ठीक रहेगा पेट
फल : मौसमी, संतरा, नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, आड़ू, अनानास, कीन्नू, अमरूद, पपीता व रसभरी, अनार।
सब्जियां : आलू, बंदगोभी, फूलगोभी, मटर, शिमला मिर्च, तोरी, टिंडा, लौकी, परमल, गाजर, मैथी, मूली, खीरा, ककड़ी, पालक, नींबू, सरसों और बथुआ।
अनाज : रोटी बनाने के लिए गेहूं के आटे में 5 प्रतिशत तक काले चने का आटा या चोकर मिलाकर प्रयोग करें।
इनसे करें परहेज
फल : चीकू, केला, सेब, अंगूर, शरीफा, लीची।
सब्जियां : अरबी, भिंडी, कचालू, रतालू, बैंगन, जमीकंद, चुकंदर।
दालें : राजमा, सफेद छोले, साबुत उड़द, चने, सोयाबीन, लोबिया (खास तौर पर रात के वक्त इन्हें खाने से परहेज करें)। पनीर, घी से बचें।