गिलोय (Giloy)औषधीय एवं आयुर्वेदिक गुणों का खजाना
गिलोय: गुणों का खजाना

गिलोय की बेल पूरे भारत में पाई जाती है और इसकी आयु कई वर्षों की होती है। इसका वैज्ञानिक नाम तिनोस्पोरा कार्डीफोलिया (Tinospora Cordifolia) है और इसे अंग्रेजी में गुलंच (Gulanch) कहा जाता है।

गिलोय के अन्य नाम

गिलोय को भारत में विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है:

  • संस्कृत: अमृता, गुडूची, मधुपर्णी

  • कन्नड़: अमरदवल्ली

  • गुजराती: गालो

  • मराठी: गुलबेल

  • तेलुगू: गोधुची, तिप्प्तिगा

  • तमिल: शिन्दिल्कोदी

  • फारसी: गिलाई

आयुर्वेद में नीम पर चढ़ी हुई गिलोय को सबसे श्रेष्ठ माना गया है क्योंकि यह नीम के औषधीय गुणों को अवशोषित कर लेती है।


गिलोय के औषधीय गुण

गिलोय में कई महत्वपूर्ण एल्केलाइड और ग्लूकोसाइड पाए जाते हैं, जैसे कि:

गिलोइन
गिलोइनिन
गिलोस्टेराल
बर्बेरिन

यह सभी तत्व शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने में सहायता करते हैं।


त्रिदोष नाशक औषधि

गिलोय शरीर के त्रिदोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करती है।

  1. वात दोष: गैस, जोड़ो में दर्द, शरीर का टूटना, असमय बुढ़ापा

  2. पित्त दोष: पीलिया, पेट संबंधी रोग

  3. कफ दोष: सर्दी, खांसी, जकड़न

उपचार:

  • वात रोग के लिए 5 ग्राम गिलोय चूर्ण को घी के साथ लें।

  • पित्त दोष के लिए 4 ग्राम गिलोय चूर्ण को चीनी या गुड़ के साथ लें।

  • कफ से छुटकारा पाने के लिए 6 ग्राम गिलोय चूर्ण को शहद के साथ लें।


गिलोय के चमत्कारी लाभ
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

गिलोय शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहद प्रभावी है। इसे रोज सुबह लेने से शरीर संक्रमण और बुखार से बचा रहता है।

2. मलेरिया और डेंगू का दुश्मन

गिलोय मलेरिया और डेंगू के बुखार को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखती है।

सेवन विधि:
गिलोय का काढ़ा बनाकर पीने से प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ती हैं और बुखार में राहत मिलती है।

3. मधुमेह (Diabetes) में फायदेमंद

गिलोय प्राकृतिक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

सेवन विधि:
गिलोय के चूर्ण या जूस का नियमित सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज में लाभ होता है।

4. बुखार और संक्रमण से राहत

गिलोय का सेवन करने से पुराना बुखार, टाइफाइड, टीबी और त्वचा संबंधी रोग ठीक हो जाते हैं।

सेवन विधि:
गिलोय और तुलसी का काढ़ा पीने से वायरल बुखार में राहत मिलती है।

5. हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाए

गिलोय हड्डियों की मजबूती बढ़ाने और गठिया व आर्थराइटिस में राहत दिलाने में मददगार होती है।

सेवन विधि:
गिलोय का चूर्ण सोंठ के साथ लेने से जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत मिलती है।

6. पाचन में सुधार

गिलोय पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और एसिडिटी, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को ठीक करती है।

सेवन विधि:
गिलोय का रस शहद के साथ लेने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।


गिलोय का सेवन कैसे करें?
समस्यासेवन विधि
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिएरोज सुबह गिलोय का जूस पिएं
डेंगू/मलेरिया मेंगिलोय का काढ़ा बनाकर पिएं
मधुमेह मेंगिलोय चूर्ण या जूस का सेवन करें
जोड़ों के दर्द मेंगिलोय और सोंठ का मिश्रण लें
पाचन सुधारने के लिएगिलोय रस शहद के साथ लें

गिलोय को घर पर कैसे उगाएं?

गिलोय को किसी भी गमले या बगीचे में आसानी से लगाया जा सकता है। इसे नीम के पेड़ पर चढ़ाने से इसके औषधीय गुण और अधिक बढ़ जाते हैं।

गिलोय की बेल को किसी सहारे पर बढ़ने दें।
✅ इसे रोजाना पानी दें और धूप में रखें।


निष्कर्ष

गिलोय एक आयुर्वेदिक चमत्कार है जो शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त बनाए रखने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन शरीर के त्रिदोषों को संतुलित करता है और संक्रमण से बचाता है

यदि आप स्वस्थ जीवन चाहते हैं, तो गिलोय को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इसके चमत्कारी लाभों का अनुभव करें!


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