बाल झड़ने से जुड़ी ये 10 धारणाएं हैं सिर्फ भुलावा
बाल झड़ने की सच्चाई: क्या सही और क्या सिर्फ भ्रम?

बालों का झड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कई बार हम इसके बारे में सुनी-सुनाई बातों पर यकीन कर लेते हैं। कई मिथक ऐसे हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं होता, फिर भी हम उन्हें सच मानकर चलते हैं। आइए जानें बालों से जुड़े 10 आम मिथक और उनकी सच्चाई।


सच और झूठ: बालों के झड़ने से जुड़े 10 आम मिथक
1. रोजाना 100 बाल गिरने का मतलब गंजापन है।

मिथक: रोज बाल झड़ना गंजेपन की निशानी है।
सच्चाई: प्रतिदिन 50-100 बाल गिरना सामान्य प्रक्रिया है। बालों का एक नेचुरल ग्रोथ साइकल होता है, जिसके तहत पुराने बाल झड़ते हैं और नए बाल उनकी जगह ले लेते हैं।

2. ठंडे पानी से बाल धोने से झड़ना बंद हो जाएगा।

मिथक: ठंडे पानी से बाल धोने से बाल नहीं गिरते।
सच्चाई: ठंडे पानी से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, लेकिन यह बालों के झड़ने को रोकने में सीधे मदद नहीं करता।

3. ज्यादा शैंपू करने से बाल झड़ते हैं।

मिथक: शैंपू करने से बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं।
सच्चाई: सही शैंपू करने से बालों की सफाई होती है और डैंड्रफ व गंदगी दूर होती है, जिससे बाल स्वस्थ रहते हैं। लेकिन हार्ड केमिकल वाले शैंपू का अधिक उपयोग नुकसानदायक हो सकता है।

4. सिर की मालिश करने से गंजापन नहीं होगा।

मिथक: मालिश करने से बालों की ग्रोथ बढ़ती है और गंजापन नहीं होता।
सच्चाई: मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे बालों को पोषण मिलता है, लेकिन यह गंजापन पूरी तरह रोकने की गारंटी नहीं है।

5. गंजापन सिर्फ मातृ पक्ष से आता है।

मिथक: बाल झड़ने की समस्या सिर्फ मां की फैमिली से आती है।
सच्चाई: बाल झड़ने के लिए दोनों माता-पिता जिम्मेदार हो सकते हैं। अगर माता या पिता के परिवार में गंजेपन का इतिहास है, तो यह समस्या आनुवंशिक रूप से आ सकती है।

6. बाल काटने से बाल घने हो जाते हैं।

मिथक: हेयरकट करवाने से बाल घने हो जाते हैं।
सच्चाई: बालों की मोटाई और ग्रोथ जड़ों (फोलिकल्स) पर निर्भर करती है, न कि कटाई पर। जब आप बाल कटवाते हैं, तो छोटे बाल घने दिख सकते हैं, लेकिन उनकी संख्या नहीं बढ़ती।

7. ज्यादा धूप में रहने से बाल झड़ते हैं।

मिथक: धूप से बाल झड़ने लगते हैं।
सच्चाई: धूप से स्कैल्प और बाल डैमेज हो सकते हैं, लेकिन इससे गंजापन नहीं होता। बालों की जड़ें अंदर होती हैं और वे सूर्य की किरणों से सुरक्षित रहती हैं।

8. बाल झड़ने और हार्मोन का कोई संबंध नहीं है।

मिथक: हार्मोनल बदलाव का बालों पर कोई असर नहीं होता।
सच्चाई: थायराइड, पीसीओएस, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज और हार्मोनल असंतुलन के कारण बाल झड़ सकते हैं। हार्मोन की गड़बड़ी को सही करने से बालों का झड़ना भी कम हो सकता है।

9. स्टेरॉयड का बालों पर असर नहीं पड़ता।

मिथक: स्टेरॉयड लेने से बालों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
सच्चाई: अनियंत्रित स्टेरॉयड का उपयोग टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है, जिससे बाल झड़ सकते हैं और गंजापन हो सकता है।

10. हेयर ड्रायर से कोई नुकसान नहीं होता।

मिथक: हल्का ड्रायर इस्तेमाल करने से बालों को नुकसान नहीं होता।
सच्चाई: हीट स्टाइलिंग टूल्स (हेयर ड्रायर, स्ट्रेटनर) बालों की नमी छीन लेते हैं, जिससे वे कमजोर होकर टूट सकते हैं। हालांकि, यह गंजेपन की स्थायी वजह नहीं है।


क्या करें और क्या न करें?
क्या करें?

संतुलित आहार लें – प्रोटीन, विटामिन B, C, आयरन और बायोटिन बालों की ग्रोथ में मदद करते हैं।
माइल्ड शैंपू और हेयर केयर प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें।
तेल मालिश करें – नारियल तेल, अरंडी का तेल और आंवले का तेल फायदेमंद हैं।
तनाव से बचें – ज्यादा स्ट्रेस लेने से भी बाल झड़ते हैं।
डॉक्टर से सलाह लें – यदि बहुत अधिक बाल झड़ रहे हैं तो समय पर डॉक्टर से जांच कराएं।

क्या न करें?

अत्यधिक केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट्स न लगाएं।
हीटिंग टूल्स (ड्रायर, स्ट्रेटनर) का ज्यादा उपयोग न करें।
बार-बार बालों को बांधकर न रखें, इससे बाल कमजोर हो सकते हैं।
असंतुलित डाइट न लें, क्योंकि पोषण की कमी से बाल झड़ सकते हैं।


निष्कर्ष

बाल झड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सही जानकारी के अभाव में हम कई मिथकों पर भरोसा कर बैठते हैं। सही डाइट, अच्छी हेयर केयर और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर बालों को झड़ने से बचाया जा सकता है।


अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं: www.nutriWorld.net.in