कड़वे अनुभव से दूर रहना है तो खाएं मीठी नीम

हम भोजन में से कढ़ी पत्ता अक्सर निकाल कर अलग कर देते है. इससे हमें उसकी खुशबू तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता. कढ़ी पत्ते को धो कर छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी से खा लेते है, इस पावडर को हम छाछ और निम्बू पानी में भी मिला सकते है. इसे हम मसालों में, भेल में भी डाल सकते है. प्रतिदिन भोजन में कढ़ी पत्ते को दाल, सब्ज़ी में डालकर या चटनी बनाकर प्रयोग किया जा सकता है, जिस प्रकार दक्षिण भारत में किया जाता है.

इसकी छाल भी औषधि है. हमें अपने घरों में इसका पौधा लगाना चाहिए.

- कढ़ी पत्ता पाचन के लिए अच्छा होता है, यह डायरिया, डिसेंट्री,पाइल्स, मन्दाग्नि में लाभकारी होता है. यह मृदु रेचक होता है.

- यह बालों के लिए बहुत उत्तम टॉनिक है, कढ़ी पत्ता बालों को सफ़ेद होने से और झड़ने से रोकता है.

- इसके पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से जुओं से छुटकारा मिलता है.

- कढ़ी पत्ता पेन्क्रीआज़ के बीटा सेल्स को एक्टिवेट कर मधुमेह को नियंत्रित करता है.

- हरे पत्ते होने से आयरन, जिंक, कॉपर, केल्शियम, विटामिन ए और बी, अमीनो एसिड, फोलिक एसिड आदि तो इसमें होता ही है.

- इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होते है जो बुढापे को दूर रखते है और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते.

- जले और कटे स्थान पर इसके पत्ते पीस कर लगाने से लाभ होता है .

- जहरीले कीड़े काटने पर इसके फलों के रस को निम्बू के रस के साथ मिलाकर लगाने से लाभ होता है.

- यह किडनी के लिए लाभकारी होता है.

- यह आँखों की बीमारियों में लाभकारी होता है इसमें मौजूद एंटी ओक्सीडेंट केटरेक्ट को शुरू होने से रोकते है ,यह नेत्र ज्योति को बढाता है .

- यह कोलेस्ट्रोल कम करता है.

- यह इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है.

- वजन कम करने के लिए रोजाना कुछ मीठी नीम की पत्तियाँ चबाये.

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