इम्सोम्निआ से निपटने के कारगर तरीक़े

इम्सोम्निआ से निपटने के कारगर तरीक़े

यदि आप झपकी नहीं लेतीं तो आप बहुत कुछ खो रही हैं. लेकिन यदि नींद आपके लिए दूर की कौड़ी है तो आपको जल्द से जल्द इन्सोम्निआ (अनिन्द्रा) से निपटने की ज़रूरत है. इस समस्या को दूर करने में हम आपकी सहायता कर रहे हैं

तेज़ ऱफ्तार और एक साथ कई काम करनेवाली जीवनशैली का आम नतीजा है इन्सोम्निआ. पूरी दुनिया की एक तिहाई आबादी नींद से संबंधित इस डिस्ऑर्डर से पीड़ित है और पुरुषों के मुक़ाबले महिलाएं इसका शिकार अधिक बनती हैं. हालांकि, उम्र के साथ महिला-पुरुष दोनों को ही यह बीमारी होने की संभावना समान रूप से बढ़ जाती है. 
बढ़ती उम्र और चिंता के अलावा और भी कई कारण हैं, जो इन्सोम्निआ को बढ़ावा देते हैं. फ़िल्म‘स्लीपलेस इन सियाटल?’ याद है न? वहां दुख और निराशा ही इसके मुख्य कारण थे. 
डॉ प्रीति देवनानी, क्लीनिकल डायरेक्टर, स्लीप डिस्ऑडर्स क्लीनिक, मुंबई, बताती हैं,‘‘उम्र, लिंग और पारिवारिक इतिहास-जैसे कारणों सहित गंभीर बीमारी, दुख, दर्द और दवाइयां-जैसी, वजहें भी इन्सोम्निआ को जन्म दे सकती हैं. इनके अलावा काम की चिंता, आपसी मतभेद और कुछ ख़राब रातों के कारण नींद से डर इत्यादि भी इन्सोम्निआ के कारण हो सकते हैं.’’
इन्सोम्निआ से निपटने के लिए सबसे पहला क़दम होगा उसके कारणों का पता लगाना. हालांकि दुख और दर्द के मामले में अतिरिक्त सहायता की ज़रूरत होती है, पर ऐसे कुछ घरेलू नुस्ख़े हैं, जो काली अंधेरी रातों से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं. 

अच्छी तरह खाएं 
‘‘ट्रिप्टोफ़ेन युक्त खाद्य पदार्थ नींद लाने में सहायक होते हैं. केला, गर्म दूध और जायफल जैसे खाद्य पदार्थ नींद लाने में मददगार होते हैं,’’ बाताती हैं डॉ देवनानी. कार्बोहाइड्रेट्स की अधिकतावाला भोजन नींद को बढ़ाता है. कैफ़ीन नींद उड़ा देती है इसलिए कॉफ़ी प्रेमियों को अपनी लालसा पर लगाम कसने की ज़रूरत है. यदि पूरी तरह इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती तो शाम के चार बजे के बाद कैफ़ीन वाले पेय पदार्थ पीने से बचें. अल्कोहल इन्सोम्निआ का एक और कारण है. हालांकि यह नींद के लिए लाभकारी मालूम होता है, लेकिन वास्तव में यह नींद की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. धूम्रपान करना भी हानिकारक है, क्योंकि इसमें मौजूद निकोटिन आरामदेह नींद से दूर रखता है.  

व्यायाम करें
अड्रेनलिन के प्रवाह को बढ़ाने और सेहतमंद थकान प्रदान करने के अलावा कुछ चुनिंदा एक्सरसाइज़ेज़ नींद लाने में विशेष मदद करती हैं. ‘‘प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन, योग निद्रा थेरैपी और बायोफ़ीडबैक शरीर और दिमाग़ को आराम पहुंचाते हैं,’’ बताती हैं डॉ देवनानी. प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन में अलग-अलग जगहों की मांसपेशियों में सिलसिलेवार कसाव लाना और छोड़ देना शामिल होता है. यह एक्सरसाइज़ आपकी चेतना और शरीर पर नियंत्रण को बढ़ाती है. वैसे ही बायोफ़ीडबैक आपकी हृदय गति और रक्तचाप जैसी शारीरिक क्रियाओं पर नियंत्रण करने पर केंद्रित है. योग निद्रा अक्सर सहज नींद की स्थिति के रूप में पहचानी जाती है और पीठ के बल सोने, समान रूप से सांस लेने और पूरे होशोहवास में शरीर के हर हिस्से को आराम पहुंचाने पर केंद्रित होती है. 
‘‘सोने से 3 से 6 घंटे पहले एक्सरसाइज़ करना सर्वोत्तम है. एक्सरसाइज़ के समय शरीर का तापमान बढ़ जाता है और इसे सामान्य स्थिति में आने में तक़रीबन 6 घंटे का समय लगता है. चूंकि शरीर का तापमान कम हो तो नींद अच्छी आती है इसलिए एक्सरसाइज़ के बाद शरीर को ठंडा होने के लिए समय देना महत्वपूर्ण है,’’ सलाह देती हैं डॉ देवनानी.

चिंता न करें, ख़ुश रहें
बड़े पैमाने पर इन्सोम्निआ का कारण चिंता है. यहां हम दे रहे हैं चिंता भगाने की कुछ सलाहें
* खाने का समय तय करें: सोने से दो घंटे पहले कुछ न खाएं. और डिनर को हल्का-फुल्का रखने की कोशिश करें. यह भोजन को अच्छी तरह पचाने में शरीर की मदद करेगा.
* प्रतिदिन एक्सरसाइज़ करें. जिम की मेंबरशिप लेने की ज़रूरत नहीं है. 20 मिनट की वॉक भी कारगर है.
* दूर रखें: निजी निराशा के पलों को.
* परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताएं.
* ऑफ़िस के कामों को ऑफ़िस तक सीमित रखें.
* सोते समय चिंताजनक बातचीत न करें. पैसे, रिश्तों में नोक-झोंक, इत्यादि सोते वक़्त बात करने जैसे विषय नहीं हैं.
* बिस्तर पर लेटने के बाद दूसरे दिन की दिनचर्या न बनाएं. दिन में ही इस काम के लिए समय निर्धारित करें. आप दिनभर ज़्यादा सचेत और सक्रिय रहेंगी और सोच-विचार में कम समय गवांएंगी.
 

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