पानी से है प्यार? ...तो आज़माएं ऐक्वा योग

पानी से है प्यार? ...तो आज़माएं ऐक्वा योग

यदि योग करने के बाद आपका शरीर दुखता है तो ऐक्वा योग या ऐक्वा योगा करना शुरू कर दीजिए. आइए इस मज़ेदार व आसान वर्कआउट के बारे जानते हैं. 

क्या है ऐक्वा योग?  
अगर आपको पानी से प्यार है या फिर योग करने के बाद आपका शरीर दुखता है, जिसके कारण आप योग करने से हिचकिचाती हैं तो आपको ऐक्वा योग आज़माना चाहिए. जैसा कि नाम से पता चलता है ऐक्वा योग के अंतर्गत पानी के अंदर योग के आसन किए जाते हैं. पानी के तरणशील होने के कारण मांसपेशियों व जॉइंट्स पर कम दबाब पड़ता है, जिसके कारण शरीर को ज़्यादा से ज़्यादा स्ट्रेच किया जा सकता है. दर्द नहीं होने के कारण आप इसके परिणाम से ज़्यादा संतुष्ट रहेंगी और हंसी-ख़ुशी योग करेंगी. पानी के अंदर योग करने से न सिर्फ़ मांसपेशियां टोन होती हैं, बल्कि शरीर लचीला बनता है व फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बढ़ती है. साथ ही आप शरीर को बैलेंस करना भी सीखती हैं.

किसके लिए है बेहतर?
चूंकि इसे करते समय जॉइंट्स व मांसपेशियों पर कम दबाव पड़ता है इसलिए एक्वा योग जोड़ों संबंधी समस्या, पीठ दर्द, पीठ में अकड़न व आथ्राइटिस की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए सही है. यह गर्भवती महिलाओं व नई मांओं के लिए भी बेहतरीन व्यायाम है.

आपको क्या चाहिए? 
एक स्विमसूट व स्विमिंग पूल की, बस आप ऐक्वा योग क्लास के लिए तैयार हैं.

क्या हैं इसके फ़ायदे? 
ऐक्वा योग व पानी से जुड़े अन्य वर्कआउट का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि दर्द महसूस किए बिना शरीर को जितना चाहे स्ट्रेच किया जा सकता है. जिसके कारण नियमित रूप से सेशन्स करने का मन करता है, जिससे वर्कआउट का अधिकतम फ़ायदा मिलता है.

कौन-सी सावधानियां बरतनी चाहिए? 
तैराकी की तरह ही ऐक्वा योग करते समय क्रैम्प्स आ सकते हैं इसलिए हमेशा विशेषज्ञ के निरीक्षण में ही ऐक्वा योग करें व दिशा-निर्देशों का सही तरीक़े से पालन करें. साथ ही किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए सांस अंदर-बाहर छोड़ती रहें.

कितनी कैलोरीज़ बर्न होती है? 
ऐक्वा योग से 800-1,000 कैलोरीज़ प्रति घंटे ख़र्च होती हैं. 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?  
पानी के अंदर शरीर का भार जॉइंट्स पर नहीं पड़ता, जिसके कारण वर्कआउट करते समय जोड़ों पर किसी तरह का दवाब नहीं पड़ता. चूंकि पानी में शरीर हल्का हो जाता है इसलिए मांसपेशियां रिलैक्स्ड रहती हैं इसलिए उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा स्ट्रेच किया जा सकता है व चोट लगने का ख़तरा भी नहीं होता. यही वजह है कि यह एक्सरसाइज़ अधिक वज़न वाले लोगों, बूढ़े व गर्भवती महिलाओं के लिए सही है.

 

 

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